क्रिसमस पर्व व् अराजकता (क्या है मसीह सुमदाय के लिए समाधान ?)
Nempal Singh (Advocate)
Date: 12 /12/2022
क्रिसमस महोत्सव और कट्टरपंथी समूह :
इस देश में रहते हुए इस बात को समझना होगा कि कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं जिन्हे शायद प्रेम और मानवता के विषय में जरा भी ज्ञान नहीं है और उनकी सोच इतनी संकीर्ण हो चुकी है कि वो कथित तौर पर किसी भी तरह से मसीह समुदाय का विरोध करने, उन्हें मारने-पीटने व् तोड़ फोड़ करने का भरपूर प्रयास करते रहते हैं। वह नहीं चाहते की उनकी मानसिकता के अलावा भी किसी अन्य किस्म की मानसिकता इस देश में पाई जाए। इसलिए उस अलग मानसिकता के खिलाफ हमेशा षड़यंत्र करते रहते हैं। कथित तौर पर काफी बार इस बात को भी देखा गया है कि जब भी कभी मसीह समाज के द्वारा किसी भी प्रार्थना सभा का या किसी भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है तो उन असामाजिक तत्वों का खून खौल उठता है और वो मानवता को ताक पर रख कर हंगामा करने निकल पड़ते हैं। यह समस्या नहीं बल्कि आज के दौर में एक गंभीर बीमारी कही जा सकती है। यह एक ऐसी बीमारी है जो इस देश को मजबूत नहीं बल्कि खोखला करना चाहती है। अपाहिज बनाना चाहती है। कुछ गिरी हुई मानसिकता के लोग इन्सान की हत्या तक के लिए उतारू हो जाते हैं। यह बहुत बड़ी विडम्बना है कि इस गौरवशाली देश में इस तरह की बीमार मानसिकता के लोग पाए जाते हैं।
क्या है जरुरी 👉सहजता या सजकता?
कथित तौर पर माहौल को देखते हुए क्या जरुरी है ? सहजता या सजगता ? यह एक आधुनिक प्रश्न है और इस प्रश्न का जवाब विवेक से जुड़ा है और उस शिक्षा से जो मसीह जीवन का आधार है। साधारण शब्दों में कहा जा सकता है कि यदि हम सहजता की बात करें तो यह समझ लेना जरुरी है कि मसीह आस्था का सहजता के साथ सीधा सम्बन्ध है और इस विषय में बाइबिल काफी विस्तार से शिक्षा देती है और यदि हम सजगता के विषय में बात करें तो बाइबिल में इस विषय में भी उल्लेख मिलता है कि सहजता के साथ साथ सजगता की भी आवश्यकता है। यहाँ इस विषय के बारे में बात करना अत्यन्त आवश्यक है कि कथित तौर पर यदि कट्टरपंथियों के द्वारा गैरकानूनी तरीके से मसीह समाज के खिलाफ घटनाएं बढ़ रही हैं तो क्या किया जाना आवश्यक है। जहाँ तक क़ानूनी पहलू की बात है यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि कथित तौर पर मसीह समाज के द्वारा भी संवैधानिक पहलू से कानून का सहारा लिया जा रहा है।
👉 अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। लेकिन उस परिस्थिति में क्या किया जाए जब सहजता से कानून का सहारा लिए जाने पर भी संकीर्ण मानसिकता के लोगों पर कोई फरक ना पड़े? तो कहा जा सकता है उस परिस्थिति में सहजता के साथ साथ सजगता से काम लेना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
कुछ खास व अहम् कदम :
यदि हम कुछ खास व् अहम् क़दमों केविषय में बात करें तो यह कहा जाना अत्यंत आवश्यक है कि हमें सहजता के साथ साथ सजगता की ओर भी विशेष ध्यान देना होगा। अब जैसा कि क्रिसमस का पर्व नजदीक है तो यह जरुरी हो जाता है कि कुछ एहतियाती कदम हमारे द्वारा उठाए जाएँ जो कानून संगत हों और जो संवैधानिक नज़रिए से उठाने अत्यंत आवश्यक हों।
क्रिसमस को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण कदम जो उठाए जाने जरुरी हैं :
सार्वजनिक अथवा निजी स्थल पर क्रिसमस का आयोजन:
- क्रिसमस को ध्यान में रखते हुए यह जरुरी हो जाता है कि यदि क्रिसमस महोत्सव किसी सार्वजनिक स्थल पर मनाया जाना निर्धारित हुआ है तो उस सम्बन्ध में सुरक्षा की दृष्टि से अनुमति व् सुरक्षा प्रशासन से ले लेनी चाहिए। ध्यान रहे कि यह कदम उठाने की बात कथित तौर पर माहौल को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से बताई जा रही है। वैसे तो क़ानूनी व् संवैधानिक नज़रिए से मसीह समाज को भी समानता के संवैधानिक अधिकार के नजरिए से किसी भी प्रकार की कोई अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। जैसा कि अनुच्छेद 14 कहता है : Equality before law The State shall not deny to any person equality before the law or the equal protection of the laws within the territory of India Prohibition of discrimination on grounds of religion, race, caste, sex or place of birth. लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह जरुरी हो जाता है कि प्रशासन से सुरक्षा व् अनुमति दोनी ही ले ली जाए।
- यदि कार्यक्रम का आयोजन किसी रजिस्टर्ड चर्च के द्वारा चर्च कैंपस में ही किया जाना है तो किसी भी किस्म की अनुमति प्रशासन से लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह मसीह समाज का चर्च के रूप में संवैधानिक अधिकार है कि मसीह आस्था से जुड़े हुए लोगअपने त्यौहार को ठीक उसी प्रकार से मना सकते हैं जिस प्रकार से अन्य आस्था से जुड़े हुए लोग अपनी आस्था के आधार पर अपना त्यौहार अपने स्थान पर मनाते हैं। लेकिन यदि वह एक सार्वजनिक स्थल है चाहे वह एक किराए पर लिया गया एक मैरिज पैलेस का हॉल ही क्यों ना हो और विरोध की सम्भावना हो तो सुरक्षा लेनी जरुरी हो जाती है। किसी भी मैरिज पैलेस के हॉल को किराए पर लिए जाने की स्थिति में प्रशासन से अनुमति की आवश्यकता अधिक नहीं कही जा सकती बल्कि यदि किसी अप्रिय घटना की सम्भावना हो तो पुलिस सुरक्षा जरूर ले लेनी चाहिए और यदि किसी भी विरोध की सम्भावना नहीं है तो किसी भी किस्म से जरुरी तौर पर पुलिस सुरक्षा लेने की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं कही जा सकती है।
- यदि रजिस्टर्ड चर्च के द्वारा क्रिसमस कार्यक्रम का आयोजन सार्वजनिक स्थल जैसे कि कोई पार्क या कोई मैदान या फिर किसी भी किस्म का कोई भी सरकारी स्थल जिसका किराया सरकार के द्वारा लिया जाता हो ऐसे स्थल पर किया जाना निर्धारित हुआ है तो सुरक्षा की दृष्टि से यह जरुरी हो जाता है कि उस कार्यक्रम के लिए सुरक्षा एवं अनुमति दोनों ही ले ली जाए। ऐसा इसलिए किया जाना जरुरी है जिससे कि किसी भी कट्टरपंथी को कोई भी झूठा आरोप लगाने का मौका ना मिल सके और कोई भी असंवैधानिक व् अप्रिय घटना को कोई भी संकीर्ण विचारधारा का व्यक्ति अंजाम ना दे सके।
- यदि किसी भी पास्टर के द्वारा या विश्वासियों के एक समूह के द्वारा क्रिसमस का आयोजन एक सार्वजनिक स्थल पर किया जाना है तो ऐसी स्थिति में उस समूह या पास्टर के द्वारा अनुमति व् सुरक्षा दोनों ही सुरक्षा की दृष्टि से ले लेनी चाहिए। ध्यान रहे कि ऐसा किया जाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि कार्यक्रम का आयोजन एक सार्वजनिक स्थल पर किया जाना है।
- यदि सार्वजनिक स्थल पर कार्यक्रम के दौरान साउंड सिस्टम का उपयोग किया जाना है तो साउंड सिस्टम की निर्धारित समय के लिए अनुमति ली जानी अत्यन्त आवश्यक है। ज्ञात रहे कि बिना अनुमति के साउंड सिस्टम का उपयोग करना कानूनन रूप से वर्जित है।
- यदि किसी पास्टर या फिर विश्वासियों के समूह के द्वारा क्रिसमस का आयोजन किसी निजी स्थल पर किया जाना है तो उस परिस्थिति में किसी भी किस्म की सुरक्षा या अनुमति प्रशासन से लेने की कानूनन व् संवैधानिक तौर पर बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि उस कार्यक्रम में किसी भी किस्म से विरोध होने की सम्भावना है तो उस परिस्थिति में भी अनुमति नहीं बल्कि सुरक्षा ही लेनी चाहिए।
- इस बात को मुख्य रूप से जान लेना अति आवश्यक है कि जो यहाँ पर सुरक्षा या अनुमति की बात बताई जा रही है वह उस परिस्थिति के लिए बताई जा रही है जब इस बात की सम्भावना हो कि कार्यक्रम में किसी भी किस्म से कट्टरपंथियों के द्वारा विरोध या झूठा दोषारोपण किया जा सकता है।
- क्रिसमस के कार्यक्रम को चर्च की मीडिया टीम के द्वारा शुरू से लेकर अंत तक रिकॉर्ड किए जाना चाहिए। रिकॉर्ड करते समय उस दिन के राष्ट्रीय अखबार के पहले पन्ने को रिकॉर्ड करते हुए रिकॉर्डिंग शुरू की जानी चाहिए और रिकॉर्डिंग का अंत भी अखबार के पहले पन्ने को रिकॉर्ड करते हुए किया जाना चाहिए जिसमें कि अखबार पर अंकित दिनांक एवं दिन ठीक ढंग से दिखाई दे। ऐसा इसलिए किया जाना जरुरी है जिससे कि जरुरत पड़ने पर आप उस दिन के अपने कार्यक्रम को साबित कर सकें।
- क्रिसमस के कार्यक्रम के दौरान सिर्फ बाइबिल से ही प्रचार किया जाना चाहिए। क्योंकि बाइबिल से दिया गया सन्देश या प्रचार किसी भी रूप में गलत नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि अन्य धर्म ग्रंथों की तरह ही बाइबिल भी इस देश में एक मान्यता प्राप्त धर्म ग्रन्थ है और बाइबिल की शिक्षाओं का सन्देश सुनना मसीह आस्था का प्रतीक है और यह एक मसीह व्यक्ति का अधिकार भी है।
- इस बात पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है कि क्रिसमस कार्यक्रम के दैरान किसी भी व्यक्ति के द्वारा खुले मंच से किसी भी अन्य धर्म या धर्म ग्रन्थ के विषय में किसी भी प्रकार की टीका - टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इस प्रकार की टीका या टिपण्णी करना कानूनन रूप से भारतीय न्याय संहिता की धरा 299 के अंतर्गत एक अपराध है।
- क्रिसमस समारोह को सुचारु रूप से संपन्न होने के लिए कार्यक्रम के दौरान कुछ स्वयंसेवियों को नियुक्त किया जाना चाहिए जिससे हर प्रकार की व्यवस्था का खास तौर पर ध्यान रखा जा सकते और उस कार्यक्रम से किसी भी आम जन के लिए किसी भी किस्म का व्यवधान उत्पन्न ना हो। इस बात पर भी गौर करना आवश्यक है कि सरकारी आदेशों व् शर्तों के अनुरूप हर प्रकार की व्यवस्था की जानी चाहिए। जैसे पार्किंग की व्यस्था व अन्य प्रकार की व्यवस्था।
- स्वयंसेवियों का व्यवहार भी सहज व् सजग एवं इसके साथ साथ कानून संगत होना चाहिए। स्वयंसेवियों का चयन भी देख भाल कर व् सोच समझ कर करना चाहिए।
- कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार से कट्टरपंथियों के द्वारा या अराजक तत्वों के द्वारा विरोध किए जाने पर यदि सुरक्षा या अनुमति नहीं ली गयी है तो भी घटना के विषय में पुलिस को सूचित किया जाना चाहिए और एक लिखित शिकायत पुलिस को दी जानी चाहिए और यदि किसी भी किस्म की चोटें किसी भी व्यक्ति को आपके समूह में से लगती है तो उसका मेडिकल सही समय पर सरकारी हस्पताल से कराया जान बहुत अधिक आवश्यक है। इस कार्य में कोई भी कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। लिखित शिकायक की एक प्रति अपने पास जरूर रखनी चाहिए और सारी घटना को आपकी मीडिया टीम के द्वारा रिकॉर्ड किया जान चाहिए। विरोध की घटना की सम्भावना सुरक्षा व् अनुमति प्रशासन से लिए जाने पर ना के बराबर रहती है और ज्यादातर मामलों में विरोध की स्थिति उत्पन्न होने पर कार्यक्रम को पुलिस के द्वारा रोक दिया जाता है क्योंकि शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी लोकल पुलिस पर होती है।
- सन्देश के दौरान जब भी प्रार्थना की जाए तो यह खास तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए कि जनसमूह से किसी भी व्यक्ति को स्पर्श ना किया जाए और ना ही सर पर हाथ रखा जाए या किसी और किस्म की गतिविधि की जाए। जनसमूह के लिए प्रार्थना केवल दूर से एक समय में सभी के लिए की जानी चाहिए जिस कि किसी भी संकीर्ण मानसिकता के व्यक्ति को किसी भी किस्म का आप पर आरोप लगाने का मौका ना मिल सके।
नोट: उपरोक्त जानकारी मसीह समुदाय के लोगों के लिए एक क़ानूनी व् एहतियाती जानकारी है। इस जानकारी से किसी भी धर्मिक संगठन का कोई भी सम्बन्ध नहीं है और ना ही यह जानकारी किसी विशेष घटना से उत्प्रेरित है बल्कि यह जानकारी कथित तौर पर हो रही घटनाओं के मद्देनज़र शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए एवं आपस में एकता और सौहार्दय कायम करने के लिए प्रयास मात्र है।
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